CAB के समर्थन में उतरे ज्योतिरादित्य सिंधिया, कहा- भारतीय संस्कृति के अनुरूप नागरिकता बिल
- लिंक पाएं
- X
- ईमेल
- दूसरे ऐप
इंदौर (MP) : कांग्रेस के विरुद्ध नागरिकता बिल का ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी समर्थन किया है, इसे वसुधैव कुटुंबकम से जोड़ा।
ज्योतिरादित्य सिंधिया नें इंदौर में मीडिया से बातचीत के दौरान एक बयान दिया। दरअसल सिंधिया यहां 14 दिसंबर को दिल्ली में केन्द्र सरकार की नीतियों के खिलाफ पार्टी द्वारा आंदोलन की तैयारियों के सिलसिले में बैठक करने पहुंचे थे।
दैनिक भास्कर ऑनलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस महासचिव पद पर रहे सिंधिया ने नागरिकता बिल के सवालों पर मीडिया से कहा “बिल संविधान के विपरीत जरूर है, लेकिन इसमें भारत की वसुधैव कुटुंबकम की विचारधारा और सभ्यता है।”
आगे उन्होंने कहा “कांग्रेस के साथ ही देश की अनेक राजनैतिक पार्टियां इस बिल का विरोध कर रही हैं।” सिंधिया नें बिल को भारतीय संस्कृति के अनुरूप बताया लेकिन इस बिल पर सरकार पर सवाल भी दाग दिया।
उन्होंने कहा “देश के अनेक राज्यों, उत्तर-पूर्व राज्यों में आप स्थिति देखिए। बाबा साहब अंबेडकर ने संविधान में लिखा है कि किसी को जात-पात, धर्म की दृष्टिकोण से नहीं देखा जाएगा। केवल भारत के नागरिक के रूप में देखा जाएगा।”
बिल में भारत की विचारधारा और सभ्यता पूर्व सांसद सिंधिया ने कहा- “केवल प्रजातंत्र की बात नहीं, बल्कि पिछले तीन-चार हजार सालों के इतिहास को देखा जाए तो भारत ने सभी को अपनाया है। वसुधैव कुटुंबकम भारत की विशेषता रही है, जो बिल लोकसभा में पारित कराया गया और आज जिसे राज्यसभा में पेश किया जा रहा है।”
बिल के विवादित धार्मिक बिंदु पर सिंधिया बोले “मैं मानता हूं कि जो भारत की विचारधारा और सभ्यता है कि सभी को साथ में लेकर चलना, इस अध्यादेश में भी धर्म और राज्य के आधार की बात है।”
“देशों के आधार पर तो पहले भी हुआ था, लेकिन धर्म के आधार पर यह पहली बार है। मैं तो मानता हूं कि यह संविधान के विपरीत है, लेकिन भारतीय संस्कृति के आधार पर है।”
नागरिकता बिल
इंदौर (MP) : कांग्रेस के विरुद्ध नागरिकता बिल का ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी समर्थन किया है, इसे वसुधैव कुटुंबकम से जोड़ा।
ज्योतिरादित्य सिंधिया नें इंदौर में मीडिया से बातचीत के दौरान एक बयान दिया। दरअसल सिंधिया यहां 14 दिसंबर को दिल्ली में केन्द्र सरकार की नीतियों के खिलाफ पार्टी द्वारा आंदोलन की तैयारियों के सिलसिले में बैठक करने पहुंचे थे।
दैनिक भास्कर ऑनलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस महासचिव पद पर रहे सिंधिया ने नागरिकता बिल के सवालों पर मीडिया से कहा “बिल संविधान के विपरीत जरूर है, लेकिन इसमें भारत की वसुधैव कुटुंबकम की विचारधारा और सभ्यता है।”
आगे उन्होंने कहा “कांग्रेस के साथ ही देश की अनेक राजनैतिक पार्टियां इस बिल का विरोध कर रही हैं।” सिंधिया नें बिल को भारतीय संस्कृति के अनुरूप बताया लेकिन इस बिल पर सरकार पर सवाल भी दाग दिया।
उन्होंने कहा “देश के अनेक राज्यों, उत्तर-पूर्व राज्यों में आप स्थिति देखिए। बाबा साहब अंबेडकर ने संविधान में लिखा है कि किसी को जात-पात, धर्म की दृष्टिकोण से नहीं देखा जाएगा। केवल भारत के नागरिक के रूप में देखा जाएगा।”
बिल में भारत की विचारधारा और सभ्यता पूर्व सांसद सिंधिया ने कहा- “केवल प्रजातंत्र की बात नहीं, बल्कि पिछले तीन-चार हजार सालों के इतिहास को देखा जाए तो भारत ने सभी को अपनाया है। वसुधैव कुटुंबकम भारत की विशेषता रही है, जो बिल लोकसभा में पारित कराया गया और आज जिसे राज्यसभा में पेश किया जा रहा है।”
बिल के विवादित धार्मिक बिंदु पर सिंधिया बोले “मैं मानता हूं कि जो भारत की विचारधारा और सभ्यता है कि सभी को साथ में लेकर चलना, इस अध्यादेश में भी धर्म और राज्य के आधार की बात है।”
“देशों के आधार पर तो पहले भी हुआ था, लेकिन धर्म के आधार पर यह पहली बार है। मैं तो मानता हूं कि यह संविधान के विपरीत है, लेकिन भारतीय संस्कृति के आधार पर है।”
मप्र / ज्योतिरादित्य सिंधिया ने नागरिकता संशोधन बिल का समर्थन किया; बोले- यह भारतीय संस्कृति के अनुरूपhttps://t.co/y6X6LN70n7 #CitizenshipAmendmentBill2019 #CitizenshipAmendmentBill #JyotiradityaScindia pic.twitter.com/hx3dSfV134
— Dainik Bhaskar (@DainikBhaskar) December 11, 2019
हालाँकि जिस प्रकार से भाजपा के धारा 370, ट्रिपल तलाक़, नागरिकता कानून का कांग्रेस विरोध कर रही है वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया नें कांग्रेस से हटके अलग रास्ता अपनाया है। और धारा 370 हटने पर उन्होंने पिछले कुछ दिनों में खूब सुर्खियां बटोरीं थी।
बाद में ट्विटर स्टेटस से पार्टी के पद हटाने को लेकर लोगों ने भाजपा ज्वाइन करने तक के कयास लगाए थे लेकिन उन्होंने साफ़ नकारते हुए कहा था कि ये स्टेटस उन्होंने लोगों की माँग पर बदला है।
- लिंक पाएं
- X
- ईमेल
- दूसरे ऐप
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें