एक फल विक्रेता ने अपनी दुकान पर ‘हिन्दू फल दुकान’ लिखा तो लोकतंत्र और संविधान ख’तरे में आ गए
अगर आप हिन्दू हैं तो इस देश में आप सबसे बड़े गु’नहगा’र हैं. आपको नवरात्रे में लॉकडाउन का पालन करने को कहा जाएगा, आपको जगराते और पूजा अपने घरों में करने को कहा जाएगा. आपको मजबूर किया जाएगा कि फलों और सब्जियों पर थूकने वालों से ही सामान खरीदें. अगर आप ऐसा नहीं करेंगे तो आपके खिलाफ FIR दर्ज हो जायेगी. आप डॉक्टरों पर प’त्थर फेंकने वालों को कुछ कहें तो आपका ट्विटर अकाउंट बंद कर दिया जाएग. आप अपनी दुकानों पर हिन्दू प्रतीक चिन्हों को नहीं लगा सकते. क्योंकि ऐसा करने पर पुलिस आपको नफ’रत फैलाने के जु’र्म में आप पर कानूनी कारवाई कर सकती है. आपका हर कदम इस देश के लोकतंत्र को, संविधान को और सेक्युलरिज्म को खतरे में डाल देगा. लेकिन अगर आप मुस्लिम हैं तो रमजान में आपके लिए पूरा बाजार खोल दिया जाएगा. आपको आज़ादी होगी कि आप लॉकडाउन की धज्जियाँ उड़ाते हुए बाज़ारों में मजमा लगाएं. आपको आज़ादी होगी कि आप अपनी दुकानों पर मुस्लिम नाम लिख सकें. मुस्लिम प्रतीक चिन्ह लगा सकें
हालिया घटना झारखण्ड के जमशेदपुर की है. एक फल दुकानदार ने अपनी दुकान पर भगवान राम और भगवान शिव की तस्वीरें लगा कर हिन्दू फल दुकान क्या लिखा सेक्युलरिज्म, लोकतंत्र, संविधान सब ख’तरे में आ गया. पुलिस ने न सिर्फ उसकी दूकान से भगवान राम और भगवान् शिव की तस्वीरों वाला बैनर हटा दिया बल्कि ऐसा करने के जुर्म में दुकानदार के खिलाफ केस भी दर्ज कर लिया है. उस दुकानदार की हिम्मत कैसे हुई भारत में रहकर अपनी दुकान पर हिन्दू फल दुकान लिखने की और भगवान की तस्वीर लगाने की
आपको पूरे झारखण्ड में सैकड़ों ऐसे होटल और दुकाने मिल जायेंगे जहाँ बोर्ड पर इस्लामिक प्रतीक चिन्ह चाँद और तारा बने हुए मिल जायेंगे. रांची की ही बात ले लीजिये. एक होटल का नाम है इस्लामियां मुस्लिम होटल. होटल के बोर्ड पर ही बड़े बड़े अक्षरों में लिखा हुआ है.
सिर्फ रांची ही क्यों, देश के हर हिस्से में आपको मुस्लिम होटल, मुस्लिम ढाबा, मुस्लिम पान दुकान का बोर्ड लगा हुआ दिख जाएगा. लेकिन चूँकि व मुस्लिम होटल है इसलिए उससे ना तो लोकतंत्र खतरे में आएगा, न संविधान खतरे में आएगा और न ही सेक्युलरिज्म खतरे में आएगा. क्योंकि इन सब का बोझ हिन्दुओं के कंधों पर है. लॉकडाउन पालन करने का बोझ भी हिन्दुओं के कंधे पर है, गंगा-जमुनी तहजीब और सेक्युलरिज्म बचाने रखने का बोझ भी हिन्दुओं के कंधे पर है.
इतना सब होने के बाद भी आप बस सोशल मीडिया पर दो चार गुस्से भरे ट्वीट करके भूल जायेंगे और शांत हो जायेंगे तब तक के लिए जब तक कोई दूसरा इस सेक्युलरिज्म की भेंट नहीं चढ़ जाता. लेकिन फिर भी असहिष्णु हिन्दू ही कहलायेगा, हिं’सक हिन्दू ही कलायेगा, कम्युनल हिन्दू ही कहलायेगा, लोकतंत्र और संविधान को ख’तरे में डालने का इलज़ाम भी हिन्दू पर ही लगेगा. आप हिन्दू हैं इसलिए इस देश में आप सबसे बड़े गु’नाहगार हैं. आप वोटबैंक नहीं है और यही आपका गुनाह है
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